सावन के महीने में शिव की पूजा के पीछे छुपा हुआ है बहुत ही गूढ़ और रोचक रहस्य !!
शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। यही कारण है कि शिवभक्तों में सावन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है। इस महीने में कांवड़ चढ़ाने वालों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। और ये सब यूं ही नहीं है। इसके पीछे बहुत रोचक और गूढ़ रहस्य छुपा हुआ है। दरअसल आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए सो जाते हैं। इसके बाद रूद्र जो भगवान शिव के ही अंश हैं वह सृष्टि के कार्यभार को संभालते हैं। यानी इस समय सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारकर्ता त्रिदेवों के सारे कार्यो के उत्तरदायित्व को रूद्र ही संभालते हैं। इसलिए सावन में शिव की पूजा से ही त्रिदेवों की पूजा का फल एक साथ मिल जाता है। शिव के रूद्र रूप को उग्र माना जाता है लेकिन प्रसन्न होने पर ये तीनों लोकों के सुखों को भक्तों के लिए सुलभ कर देते हैं। इन्हें प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है अभिषेक, चाहे आप दूध से करें, दही से करें या मधु से करें। यही वजह है कि सावन में रुद्राभिषेक भी खूब किए जाते हैं। सावन में शिव की पूजा होने की दूसरी महत्वपूर्ण वजह शिव-पार्वती के प्रे